नई दिल्लीः स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने कब्जे में लिए गए लगभग 1,200 करोड़ रुपए के ऑफिसों गोदामों एवं फ्लैटों की रिकॉर्ड ऑनलाइन नीलामी करेगा। बैंक का तकरीबन 6000 करोड़ रुपए कर्ज में डूबा हुआ है।जिसे वह ऑनलाइन नीलामी के जरिये वसूलेगा।
पिछले 2 सालों में भारत के सरकारी बैंकों की पूंजी का एक बड़ा हिस्सा क़र्ज़ डूबा हुआ है क्योंकि कर्जधारकों खास तौर पर कंपनियों ने अर्थव्यवस्था में नरमी आने पर लोन देने में आना-कानी शुरू कर दी। सरकार की ओर से कम फंड मिलने और विदेशी निवेश के कम होने कारण बैंकों पर अपनी बैलेंस शीट को संतुलित करने का दबाव बढ़ा है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नीलामी अभी तक देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन बिक्री होगी और डूबे हुए कर्ज को हार्ड कैश में बदलने का एक दुर्गम सरकारी कदम होगा। इस नीलामी में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भारत के 2 शहरों की करीब 300 से अधिक संपत्तियों की ऑनलाइन नीलामी करेगा। इसमें कमर्शल और रेजिडेंशल प्रॉपर्टीज भी शामिल है जिनमें से अधिकतर को बड़े-बड़े उद्योगपतिओं व् व्यावासियों ने गिरवी रखा है।
भारत में दिवालिया होने से संबंधित कोई कानून के अभाव में भारतीय बैंकों को डूबे हुए कर्ज को निकालने में कोई सफलता नहीं मिल पा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह पता चलता है कि भारतीय बैंकों ने ट्राइब्यूनल्स के जरिये से जितनी भी लोन राशि रिकवर करने की कोशिश की थी उसका सिर्फ 16% ही पिछले साल मार्च तक प्राप्त हुआ है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया खुद भी इस तरह के एक मामले में किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने के बाद अभी तक फंसा हुआ है। किंगफिशर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का तक़रीबन 900 अरब रुपए का क़र्ज़ बकाया है।
लगभग 2 साल तक लोन रिकवर करने के बाद भी किंगफिशर को कर्ज देने वाले बैंकों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में पिछले महीने मुंबई स्थित किंगफिशर के आफिसों को अपने कब्जे में ले लिया हैं ।