दिल्ली: अब आपको विदेश में कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले हजारों बार सोचना पड़ेगा। अभी तक जिन लोगों के पास विदेशों में प्रॉपर्टी शेयर या बैंक खाते हैं, उनसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट बहुत जल्द ही कई तरह तरह के सवाल करेगा। जैसे की ऐसेट खरीदने के लिए पैसा आपने कैसे और कंहा से कमाया ? इसे ट्रांसफर कैसे किया गया क्या इस बारे में रिजर्व बैंक को बताया गया था या नहीं और नहीं तो क्यों नहीं
CBDT (सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज)
ने सभी टैक्स सर्किल को आदेश दिया है कि एसेसिंग ऑफिसर्स इनकम टैक्स स्टेटमेंट्स में जिक्र वाले सभी विदेशी ऐसेट्स की पहचान करें। और इसके साथ उन्हें 'फॉरन ऐसेट्स से जुड़े हर तरह के पहलुओं की पड़ताल करनी होगी।
उदाहरण: के तौर पर, उन्हें प्रॉपर्टी खरीदने के लिए पैसा कहां से और कैसे आया, इसका पता लगाना चाहिए। और यह भी देखना चाहिए कि क्या उन प्रॉपर्टी पर टैक्स बनता है।'
CBDT का इस विषय में लेटर टैक्स ऑफिसेज को 11 दिन पहले मिला था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया की हो सकता है कि विदेशों में ये खाते आर.बी.आई. की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के अंतर्गत खोले गए हों औरयह भी हो सकता हो कि प्रोपर बैंकिंग के जरिए पैसा ट्रांसफर किया गया हो लेकिन इससे पूरी बात सामने नहीं आती।
उदहारण के तौर पर मान लीजिए कि राजू & कंपनी में राम ने 50 डॉलर के शेयर रखे हों और राजू & कंपनी के पास करोड़ों डॉलर की संपत्तिया हो, तब ऐसे में क्या होगा ।'
2012-13 के इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म इयर में पहली बार लोगों को फॉरन स्थिति विवरण की जानकारी देने का ऑप्शन दिया गया था। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स रिटर्न फॉर्म में नया कॉलम जोड़ा था। CBDT की ओर से हालिया नोटिस ऐसे वक्त में आया है की जब डिपार्टमेंट उस साल के स्क्रूटनी नोटिस को फाइनल कर रहा है। टैक्स कंसल्टेंट कंपनी के अधिकारी ने बताया कि अब स्क्रूटनी नोटिस डिक्लेयर्ड फॉरन स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किए जाएंगे।